Tuesday, November 15, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/11/16
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


जीवाजी यूनिवर्सिटी में नकल का डॉक्टरेटःपांच थीसिस एक जैसी

Posted: 15 Nov 2011 02:30 AM PST

जीवाजी यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के लिए पांच शोधकर्ताओं ने एक जैसी थीसिस तैयार की। इनके सुपरवाइजर बने तीन प्रोफेसरों ने भी इनकी गलती को नजरअंदाज कर दिया। मूल्यांकन के लिए जब यह थीसिस राजस्थान यूनिवर्सिटी पहुंची तो वहां के विशेषज्ञों ने इस गंभीर गलती को पकड़ लिया। उच्च शिक्षा को शर्मसार करने वाले इस वाकये के बाद तीनों प्रोफेसरों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने और पांचों शोधकर्ताओं पर उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।


जीवाजी यूनिवर्सिटी से पांच शोधकर्ताओं ने रसायन शास्त्र में विभिन्न धातुओं पर शोध किया था। यहां से पांचों शोधार्थियों की थीसिस मूल्यांकन के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी को भेजी गई थी। मूल्यांकन के दौरान संबंधित जांच अधिकारियों को यह पांचों थीसिस एक जैसी मिली है। ये पांचों शोधकर्ता धौलपुर और मध्यप्रदेश में सरकारी और गैरसरकारी कॉलेजों में शिक्षक की सेवा दे रहे हैं। 

जांचकर्ताओं के अनुसार ये पांचों थीसिस अलग-अलग मेटल्स (साइनो कपाउंड) से संबंधित हैं, लेकिन उनका 90 फीसदी मैटर हू-ब-हू मिलता है। हर थीसिस 275 से 300 पेज की है।

कैसे पकड़ में आई नकल 

वैसे तो सामान्य तौर पर यह गलती पकड़ में नहीं आती, लेकिन राजस्थान यूनिवर्सिटी के रसायन शास्त्र विभाग को जो पांच थीसिस जांच के लिए भेजीं, वे एक ही प्रोफेसर को आवंटित हो गई और उन्होंने गड़बड़ी पकड़ ली। अगर थीसिस अलग-अलग प्रोफेसरों के पास जातीं, तो यह गड़बड़ी पकड़ना शायद मुमकिन न होता। 

गौरतलब है कि शोधकर्ता के थीसिस की पहली कॉपी संबंधित यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जमा होती है, दूसरी कॉपी गाइड के पास, तीसरी और चौथी कॉपी की जांच बाहर कराई जाती है। पांचवीं कॉपी शोधकर्ता के पास सुरक्षित रहती है। 

90 प्रतिशत पीएचडी नकल से, इस वजह से पिछड़ी उच्च शिक्षा 

राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित देशभर में पीएचडी की थीसिस इंटरनेट और दूसरी थीसिस की नकल (कट पेस्ट) करके तैयार की जा रही है। ये मामला बाहर का था, इस वजह से यहां शिक्षक खुलासा करते है अन्यथा ये मामला अंदर ही अंदर निपट जाता। 

दरअसल अधिकांश लोग शिक्षकों को रुपए देकर पीएचडी कर रहे हैं। घटिया शोध की वजह से ही उच्च शिक्षा का स्तर पिछड़ गया है। यूजीसी ने प्री-पीएचडी का नियम लागू करके ठीक किया है, लेकिन शोध में गड़बड़ी रोकने का काम केवल शिक्षक ही कर सकते है। फर्जी तरीके से पीएचडी कराने वालों के खिलाफ कठोर नियम बनें, तभी बात बनेगी। 
-प्रो. अशोक झा, पूर्व विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग, एलबीएस कॉलेज 

आगे क्या

प्रो आरवी सिंह का कहना है कि इन तीनों प्रोफेसरों को पीएचडी कराने से डिबार (आजीवन प्रतिबंध) करने की कार्रवाई चल रही है। साथ ही शोधकर्ताओं को दोबारा काम शुरू करना पड़ेगा। 

शोधकर्ताओं के नाम और विषय

ज्ञानसिंह सिसौदिया - कॉपर, मरकरी, आयरन, कोबाल्ट, निकल 
आरबी रायपुरिया - कॉपर, जिंक, आयरन, कोबाल्ट, निकल 
शिवप्रसाद - कॉपर, जिंक, मरकरी, कोबाल्ट 
आनंद शर्मा - वेनेडियम 
अनूपा कुमारी दुबे - क्लोरिनियम 

दोषी सुपरवाइजर्स 

-डॉ. जितेन्द्र अंबवानी, डिपार्टमेंट ऑफ केमेस्ट्री, एसएमएस गवर्नमेंट साइंस कॉलेज ग्वालियर 
-डॉ. ओवी सिथोले, पीजी डिपार्टमेंट ऑफ केमेस्ट्री, पीजीवी कॉलेज, ग्वालियर 
-प्रो. एसएन दीक्षित, प्रोफेसर, पीजी डिपार्टमेंट ऑफ केमेस्ट्री, एसएमएस गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, ग्वालियर

शोधकर्ताओं के नाम

-ज्ञान सिंह सिसौदिया 
-आरबी रायपुरिया 
-शिव प्रसाद 
-अनूपा कुमारी दुबे 
-आनंद शर्मा(दैनिक भास्कर,ग्वालियर-जयपुर,15.11.11)

एचपी यूनिवर्सिटीःअब 12 अंक वाले भी करेंगे एमएड

Posted: 14 Nov 2011 11:53 PM PST

एचपी यूनिवर्सिटी ने एमएड की खाली सीटों को भरने के लिए तीसरे चरण की मैरिट घोषित कर दी है। इन सीटों के लिए अब 19 नवंबर को फिर काउंसलिंग होगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार एससी/एसटी और सामान्य श्रेणी की 38 सीटें खाली हैं। इनमें एससी की 18 और एसटी की 17 सीटें शामिल हैं। वहीं, सामान्य श्रेणी की तीन सीटें भरनी बाकी हैं। सामान्य श्रेणी की तीन सीटों को भरने के लिए 35 और इससे अधिक अंक वाले छात्रों की काउंसलिंग 19 नवंबर को यूनिवर्सिटी में की जाएगी।


इसके अलावा एससी/एसटी कोटे की सीटें भरने के लिए प्रवेश परीक्षा में 12 और इससे अधिक अंकों वाले छात्र शामिल हो सकते हैं। इनके लिए काउंसलिंग सुबह दस बजे से शुरू होगी। एमएड कॉर्डिनेटर डॉ. पुष्पा गौतम का कहना है कि काउंसलिंग में शामिल होने वाले छात्रों को दस हजार नगद और सभी अनिवार्य प्रमाण पत्र साथ लाने होंगे। काउंसलिंग यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग में होगी।

एमएड के लिए दो बार काउंसलिंग हो चुकी है। यूनिवर्सिटी समेत 11 संस्थानों की 385 एमएड सीटों को भरने के लिए प्रशासन को तीसरी बार काउंसलिंग करनी पड़ रही है। दूसरे प्रोफेशनल कोर्सेज के चलते एमएड में घटते रुझान के चलते अब 12 अंक वाले छात्र भी एमएड के लिए योग्य हो जाएंगे(दैनिक भास्कर,शिमला,15.11.11)।

जम्मू यूनिवर्सिटी में हस्ताक्षर अभियान: 'साडा हक इत्थे रख'

Posted: 14 Nov 2011 11:52 PM PST

नई भर्ती नीति के खिलाफ सोमवार को 'यूथ ऑफ जम्मू कश्मीर एंड लद्दाख: ए मूवमेंट' द्वारा जम्मू यूनिवर्सिटी में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। सैकड़ों स्टूडेंट्स, स्कॉलरों व अन्य लोगों ने भर्ती नीति के विरोध में हस्ताक्षर किए। अभियान को नाम दिया गया है, 'साडा हक इत्थे रख'।

मूवमेंट के चेयरमैन सुरेश अजय मगोत्रा ने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली है। इस नीति को कदापि लागू नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को चाहिए कि फौरन इसे वापस ले। हस्ताक्षर अभियान को सभी कालेजों में चलाया जाएगा। उसके बाद यह हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे। उनसे अपील की जाएगी कि युवाओं को उमर सरकार की काली नीति से बचाया जाए।

उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी कहा है कि भर्ती नीति के खिलाफ उसका आंदोलन जारी रहेगा। विदित रहे कि अभाविप ने 25 नवंबर को महाधरना आयोजित करने का आह्वान किया है। इस संदर्भ में विभिन्न कालेजों में अभियान जारी है।


एनसीएसयू ने भर्ती नीति को सराहा, कहा नीति के फायदों से अवगत कराएं
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस स्टूडेंट्स यूनियन (एनसीएसयू) ने कहा कि नई भर्ती नीति राज्य सरकार की क्रांतिकारी योजना है। नवनियुक्त प्रांतीय प्रधान एवं जुरसिया प्रधान राकेश चिब ने सदस्यों से कहा कि वे युवाओं को इस नीति के फायदों से वाकिफ कराएं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने निजी स्वार्थ के लिए युवाओं को भर्ती नीति के खिलाफ उकसा रही हैं। 

मुख्य मंत्री द्वारा घोषित यह नीति बेरोजगारी की समस्या मिटाने को कारगर रहेगी। लेकिन लोगों को पहले इसे समझना होगा। इससे पूर्व यूनिवर्सिटी में चिब का नया प्रांतीय प्रधान बनने पर स्वागत किया गया(दैनिक भास्कर,जम्मू,15.11.11)।

एचपी यूनिवर्सिटीः पीएचडी की प्रवेश परीक्षा से छूट

Posted: 14 Nov 2011 11:39 PM PST

एचपी यूनिवर्सिटी से विभिन्न विषयों में पीएचडी करने जा रहे सैकड़ों छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यूजीसी नियमों को गंभीरता से लागू करते हुए छात्रों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा में छूट देने को मंजूरी दे दी है।

इसके तहत जेआरएफ, नेट पास कर चुके छात्र और एमफिल एंट्रेस टेस्ट दे चुके सैकड़ों छात्रों को अब पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में नहीं बैठना पड़ेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रशंसनीय कार्य करने वाले व आईसीएआर में शामिल छात्रों को भी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले साल से पीएचडी में प्रवेश के लिए एंट्रेंस टेस्ट अनिवार्य कर दिया था।

इसके चलते पिछले साल पहली बार पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद से छात्र जेआरएफ, नेट पास करने वाले छात्रों को प्रवेश परीक्षा में छूट देने की मांग कर रहे थे। पीएचडी की प्रवेश परीक्षा इसी महीने होगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया इसी माह शुरू होगी।


एबीवीपी की यूनिवर्सिटी इकाई ने पीएचडी परीक्षा में बदलाव करने और इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू करने के लिए मंगलवार को कुलपति को ज्ञापन सौंपा। इकाई अध्यक्ष सनी शुक्ला का कहना है कि जिन छात्रों ने एमफिल प्रवेश परीक्षा दी है और जो जेआरएफ व नेट पास हैं, उन्हें पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में छूट मिलनी चाहिए।

90 सीटों के लिए टेस्ट

इस साल सभी विभागों की करीब 90 सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जानी है। ऐसे में सिर्फ वही छात्र प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे जिनके पास ये प्रमाण पत्र नहीं होंगे। कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी का कहना है कि यूजीसी के नियमानुसार प्रवेश परीक्षा में कुछ खास वर्ग के छात्रों को राहत दी गई है(अशोक चौहान,दैनिक भास्कर,शिमला,15.11.11)।

जेएनवीयूःआज तय होगा पीटीईटी काउंसलिंग का कार्यक्रम

Posted: 14 Nov 2011 11:36 PM PST

जेएनवीयू की ओर से पीटीईटी की दूसरी काउंसलिंग का कार्यक्रम मंगलवार को घोषित किया जाएगा। हालांकि यह कार्यक्रम सोमवार को घोषित किया जाना था, लेकिन पीटीईटी समन्वयक समिति के सदस्यों व एनआईसी के अधिकारियों की बैठक में इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अब यह कार्यक्रम मंगलवार दोपहर तक घोषित कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए पीटीईटी समन्वयक प्रो. एके मलिक को दूसरी काउंसलिंग कर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। काउंसलिंग का कार्यक्रम तय करने के लिए पीटीईटी समन्वयक प्रो. ए के मलिक व समिति के सदस्यों की दिल्ली में सोमवार शाम एनआईसी के सदस्यों के साथ बैठक थी, लेकिन बैठक में कार्यक्रम तय नहीं हो पाया।


मंगलवार सुबह अधिकारियों के साथ फिर बैठक होगी। इसमें कार्यक्रम को अंतिम रूप देकर, दोपहर तक कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा। 
प्रो. मलिक ने बताया कि इस काउंसलिंग में पहली काउंसलिंग के बाद रिक्त रही सीटों पर शेष बचे अभ्यर्थियों को वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। 

अब केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने पहली काउंसलिंग के दौरान ऑप्शन भरे हैं तथा 2 हजार रुपए फीस भी जमा करा दी थी, लेकिन वरीयता की वजह से उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाया। इस काउंसलिंग के माध्यम से प्रदेश की बीएड कॉलेजों की करीब 7 हजार सीटों पर प्रवेश दिए जाएंगे(दैनिक भास्कर,जोधपुर,15.11.11)।

बिलासपुरःरिटायर्ड और मृतक भी ले रहे हैं वेतन

Posted: 14 Nov 2011 11:35 PM PST

सेवा देने के बाद भी वेतन नहीं मिलने की बात तो आम है, लेकिन कहीं ऐसा शायद ही सुना होगा कि रिटायरमेंट और मौत के बाद भी किसी कर्मचारी को नियमित वेतन मिल रहा हो। बिल्हा बीईओ ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। यहां एक रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के 7 माह बाद भी उसके नाम पर वेतन जारी किया जा रहा है, जबकि दूसरे कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद 4 माह की सैलरी दे दी गई। दोनों के नाम पर हर माह पेंशन भी जारी की जा रही है। अब गड़बड़ी पकड़ी गई है तो अधिकारी ई-पेमेंट को कारण बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

शहर के विद्या उपनगर स्थित प्राथमिक स्कूल में अशोक कुमार पांडेय बतौर प्रधान पाठक कार्यरत थे। 5 मार्च 1949 को शिक्षा विभाग में पदस्थ होने वाले श्री पांडेय की सेवा अवधि 31 मार्च 2011 को समाप्त हो गई, यानी वे इसी दिन सेवानिवृत्त हो गए। शिक्षा विभाग ने अप्रैल में भविष्यनिधि, पेंशन जैसी उनकी तमाम देनदारियों का भुगतान कर दिया। इसके बाद श्री पांडेय का नाम शिक्षा विभाग से रिटायर्ड कर्मचारियों की सूची में शामिल हो गया, लेकिन बिल्हा बीईओ ने उन्हें कार्यरत ही माना।


शायद यही वजह है कि श्री पांडेय के खाते में हर माह 33 हजार 699 रुपए बतौर वेतन नियमित जमा होते रहे। इधर, अगस्त 2011 में श्री पांडेय की मौत हो गई, लेकिन बिल्हा बीईओ दफ्तर का रिकार्ड उन्हें आज भी जिंदा और प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत बता रहा है। श्री पांडेय को सितंबर 2011 का वेतन बिल क्रमांक 509 के तहत 17 अक्टूबर 2011 को दिया गया है। वेतन सीधे उनके खाते में जमा कराया जा रहा है। इस तरह स्व. पांडेय के खाते में 6 महीने का वेतन अतिरिक्त जमा कर दिया गया। दूसरा मामला भी शहर के स्कूल का ही है। कन्या प्राथमिक स्कूल मगरपारा में बतौर प्रधान पाठक कार्यरत रहे दौलतराम जाधव 30 जून 2011 को रिटायर्ड हो गए।

बिल्हा बीईओ इन्हें भी कार्यरत मान रहा है और नियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। श्री जाधव के खाते में सितंबर तक का वेतन जमा हो चुका है और अक्टूबर का वेतन देने की तैयारी है। उन्हें सितंबर का वेतन बिल क्रमांक 508 के तहत 17 अक्टूबर 2011 को दिया गया। साफ है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद भी 3 महीने का वेतन दिया गया है, जबकि चौथे महीने का वेतन देने की तैयारी है।

पहली लापरवाही नहीं
बिल्हा बीईओ द्वारा वेतन भुगतान में गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले हाईस्कूल फरहदा में पदस्थ शिक्षाकर्मियों के वेतन भुगतान में लापरवाही सामने आई थी। हाईस्कूल फरहदा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के द्वारा संचालित है। केंद्र से फरहदा स्कूल के सेटअप को वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है, लिहाजा शिक्षाकर्मियों को वेतन नहीं दिया जा सकता। बिल्हा बीईओ ने यहां पदस्थ 5 में से 3 शिक्षाकर्मियों को दूसरे मद से वेतन दे दिया।

रिटायर्ड कर्मचारियों को नियमित वेतन और पेंशन दिया जाना गंभीर मामला है। ऐसा हुआ है तो यह जांच का विषय है और निश्चित तौर पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
एमएल सोनवानी, डीईओ, बिलासपुर

सैलरी, पेंशन.. फिर वेतनवृद्धि भी कर दी
बिल्हा बीईओ ने लापरवाही की गजब मिसाल पेश की है। रिटायर्ड और मौत के बाद भी इन दो कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ मिला। श्री पांडेय को जून 2011 तक 33 हजार 667 रुपए वेतन दिया गया। इतनी ही राशि श्री जाधव को भी मिली। हर साल की तरह जुलाई 2011 में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को वेतनवृद्धि मिली। कर्मचारियों को मूल वेतन की तीन फीसदी राशि वेतनवृद्धि के रूप में दी गई। इस हिसाब से दोनों का वेतन 33 हजार 667 रुपए से बढ़कर 34 हजार 990 रुपए हो गया। बीईओ कार्यालय के कर्मचारियों को नया वेतन निर्धारण करते समय भी ध्यान नहीं रहा कि दोनों कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं।

ई-पेमेंट के कारण गड़बड़ी: बीईओ

बिल्हा बीईओ यूएस जायसवाल ने रिटायर्ड और मृत व्यक्ति को वेतन जारी होने के लिए ई-पेमेंट सिस्टम को कारण बताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी रिटायर हो जाते हैं, लेकिन कंप्यूटर में कर्मचारियों का नाम दर्ज रहता है। कंप्यूटर के आधार पर कर्मचारियों के खाते में वेतन जमा किया जाता है। इन मामलों में भी इसी तरह की गड़बड़ी हुई है। गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद रिकवरी की जा रही है।

आगे क्या
किसी कर्मचारी के खाते में वेतन की राशि ज्यादा या गलत जमा हो जाए तो विभाग उसे आसानी से हासिल कर सकता है। बैंक के जानकार बताते हैं कि विभाग अपने लेटरहैड में पुष्टि करेगा कि किस कर्मचारी के खाते में कितनी ज्यादा राशि जमा हुई है। राशि शासन के खाते में जमा करने के लिए पत्र लिखा जाएगा, जिस पर बैंक अतिरिक्त राशि उस खाते में वापस कर देगा, जहां से राशि आई थी।

..तो और लंबी हो सकती है प्रक्रिया
मृत कर्मचारी को वेतन जारी करने के मामले बिल्हा बीईओ की समस्या बढ़ सकती है। बैंक के जानकार बताते हैं कि मृतक का खाता अगर ज्वाइंट होगा तो संबंधित व्यक्ति वेतन आहरित कर रहा होगा। ऐसी स्थिति में मामला कोर्ट का होगा। इसके अलावा नामिनी द्वारा आपत्ति लगाने से भी प्रक्रिया जटिल हो जाएगी। ऐसी स्थिति में मामले का निपटारा बीईओ और नामिनी की सहमति पर निपटेगा या फिर कोर्ट तय करेगा कि राशि पर किसका अधिकार है(संजीव पांडेय,दैनिक भास्कर,बिलासपुर,14.11.11)।

एआई ट्रिपल ई के आवेदन आज से ऑनलाइन

Posted: 14 Nov 2011 11:30 PM PST

सीबीएसई ने 29 अप्रैल,2012 को होने वाली 11वीं अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआई ट्रिपल ई,2012) की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी, इसके अनुसार मंगलवार से ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जो 31 दिसंबर तक चलेगी।


यह पहला अवसर है जब एआई ट्रिपल ई के ऑफलाइन आवेदन फॉर्म नहीं भरे जाएंगे, छात्रों को सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करने का एकमात्र विकल्प दिया गया है। ऑनलाइन परीक्षा 7 मई से 26 मई तक देशभर के निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर होगी। 

ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों को वेबसाइट से कंफर्मेशन पेज और रजिस्ट्रेशन नंबर का प्रिंट लेकर निर्धारित फीस के बैंक ड्रॉफ्ट के साथ सीबीएसई मुख्यालय को 31 दिसंबर,12 तक भेजना होगा(दैनिक भास्कर,कोटा,15.11.11)। 

राजस्थानःअध्यापक ग्रेड सेकंड के अस्थाई परिणाम घोषित

Posted: 14 Nov 2011 11:28 PM PST

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने अध्यापक ग्रेड सेकंड ( संस्कृत शिक्षा) परीक्षा- 2008 की पात्रता जांच में अपात्र अभ्यर्थियों के रिक्त पदों के विरुद्ध अंग्रेजी,संस्कृत, विज्ञान और गणित के अस्थाई परिणाम सोमवार को घोषित कर दिए।

आयोग सचिव डॉ. के के पाठक के मुताबिक इन विषयों के परिणाम पूर्व में जारी किए गए थे। पात्रता की जांच के बाद अपात्र पाए गए अभ्यर्थियों के कारण रिक्त हुए पदों के पर इन अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।

इनकी पात्रता की जांच नहीं की गई है। अस्थाई रूप से चयनित अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट से विस्तृत आवेदन पत्र डाउनलोड कर आवेदन पत्र मय प्रमाण पत्रों के 30 नवंबर तक भेज सकेंगे।

अंग्रेजी : रोल नंबर मेरिट केटेगरी

320011 (14 ए आर-सी) सामान्य, 331271 (18-एआर-ए) बैक वर्ड, 340164 (32 ए आर ए) एसटी

350302(14 एआर डी) सामान्य, 361590(14 एआर बी) सामान्य, 362549(14 एआर ए) सामान्य


संस्कृत : 

100924(411 एआर बी) एससी वुमेन, 103228(157 एआर बी) सामान्य, 103334 (408 ए आर ए)बीसी, एल वी, 110229(415 एआरए) बीसी एल वी, 151693 (404 ए आर ए) एसटी वुमेन, 151693(404एआरए) एसटी महिला, 151863(156एआरबी)सामान्य, 153270(386एआरए)एसटी, 160036(156एआरए) सामान्य, 160161(160एआरए) सामान्य, 160205(156एआरसी) सामान्य, 160645(411एआरए) एससी महिला, 160703(220 एआर बी) बीसी, 161295(157 एआरडी) सामान्य, 161520(291एआरए) एसटी, 162319(298 एआरए)एससी, 162599(218 एआरए) बीसी, 162661(220 एआरए) बीसी, 162949(158एआरबी) सामान्य, 163274(157एआर सी)सामान्य, 163328(149एआरए) ससामान्य, 163388(149एआरबी) सामान्य, 164616(419एआरए)सामान्य, डब्ल्यूडी, डीसी, 165323(296 एआरए)एससी, 167483(411 एआर सी) एससी महिला, 167830(290 एआरए) एसटी, 168170(292एआरए)एसटी, 168179(218, एआरबी) बीसी, 168185(295एआरए) एसटी, 168224(289एआरए) एसटी, 168393(150एआरए) सामान्य, 169477(298 एआरबी) बीसी, 170100(157एआर ए) सामान्य, 171095(158एआरसी) सामान्य, 172411(158एआरए) सामान्य, 174752(372एआरए) एससी

विज्ञान : 

210580(18एआरए) सामान्य, 220172(20एआरबी)बीसी, 220390(32एआरए)बीसी एल वी, 250597(35एआरए)एसटी, 263676(31 एआरबी) एससी, 266906(20एआरए) सामान्य, 267880(31एआरए) बीसी महिला

गणित : 

400424(44एआरबी) एससी महिला, 410266(33एआरबी) सामान्य महिला, 410413(20एआरडी)सामान्य, 420367(38एआरए)एससी, 420692 (47एआरबी) बीसी एक्स, 430206(20 एआरबी) बीसी, 430382(20एआरई)बीसी, 430689(18एआरए) सामान्य, 440030(35एआरए)सामान्य, महिला एलडी, 440186(39एआरसी) एसटी, 440322(39एआरई)एसटी, 440378(39एआरडी)एसटी, 450375(44एआरए)एससी, 460440(20एआरसी)बीसी, 460530(39एआरए)एससी, 460550(20एआरए) बीसी, 460940(33एआरए)एससी, 461058(39एआरबी) बीसी महिला, 461435(47एआरए) सामान्य एक्स, 462189(45एआरए)एससी महिला, 462571(19एआरए)सामान्य(दैनिक भास्कर,अजमेर,15.11.11)

जबलपुरःयहां पास कराने का लिया जा रहा ठेका

Posted: 14 Nov 2011 11:27 PM PST

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कुण्डम में चल रही ओपन स्कूल की परीक्षा में शिक्षा के दलालों द्वारा जमकर नकल कराई जा रही है। 5 नवंबर से शुरू हुए दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा में पहले दिन ही 6 प्रकरण नकल के उड़नदस्ते द्वारा बनाये गये थे। 5 नवंबर से शुरू हुई ओपन परीक्षा 29 नवंबर तक चलेगी।

बताया जाता है कि शिक्षा माफियाओं के साथ कुछ शिक्षक मिलकर विद्यार्थियों को पास कराने का ठेका ले रहे हैं। स्कूल में परीक्षा के दौरान कुछ शिक्षक इन्हीं विद्यार्थियों को खुलेआम नकल करवाते हैं। आरोप है कि जो परीक्षार्थी पैसा नहीं देते हैं उनके साथ कड़ाई बरती जाती है।

कल गणित का दसवीं का पेपर था जिसमें 178 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे, वहीं 12वीं में 58 छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की ओपन परीक्षा दो पालियों में कराई जा रही है, जिसमें 10वीं का पेपर सुबह की पाली में तथा 12वीं का पेपर 3 बजे से 6 बजे की पाली में कराये जा रहे हैं।


पहले से बदनाम और दागी शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में ओपन परीक्षा में ठेके पर नकल कराई जा रही है, जिसमें छात्रों से 8 से 10 हजार में नकल कराने तथा पास कराने का ठेका लिया जाता है। ओपन परीक्षा में कुण्डम शाला में सबसे ज्यादा छात्र बाहर के जबलपुर से लेकर अन्य शहरों से आते हैं, जिन्हें शिक्षा के दलालों द्वारा नकल कराने का पूरा भरोसा दिलाया जाता है, वहीं जिनके जिम्मे परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है उन्हें भी शिक्षा माफिया द्वारा पूरी तरह सांठ-गांठ कर ली जाती है। 

कुण्डम के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उत्कृष्ट विद्यालय कुण्डम में पिछले 25 वर्षो से जमे शिक्षक हैं जिनके द्वारा यह अनैतिक कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 20-25 वर्षो में इनका कई बार ट्रांसफर हुआ, लेकिन ये शिक्षक यहां से जाने तैयार नहीं होते और अपना ट्रांसफर रूकवा लेते हैं इन्हीं शिक्षकों के कारण कुण्डम स्कूल का परीक्षा परिणाम भी खराब आता है क्योंकि छात्रों के मन में यह धारणा बन जाती है कि अगर हम दसवीं बोर्ड में फेल भी हो गये तो ओपन परीक्षा में नकल करके पास हो जायेंगे, जिसके चलते छात्र पढ़ाई में ध्यान नहीं देते। 

ओपन परीक्षा में नकल रोकने के लिए उड़नदस्ते बनाये गये हैं साथ ही जिला शिक्षाधिकारी द्वारा भी कड़े शब्दों में नकल रोकने एवं नकल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कुण्डम में ऐसा नहीं है, यहां धड़ल्ले से शिक्षकों द्वारा ही नकल छात्र-छात्राओं को कराई जा रही है(दैनिक भास्कर,कुण्डम,15.11.11)।

बैंकों में 1200 पद कश्मीर के ही हिस्से में

Posted: 14 Nov 2011 11:15 PM PST

जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) व नेशनल पैंथर्स स्टूडेंट्स यूनियन (एनपीएसयू) ने जेके बैंक में बैकिंग एसोसिएटस व अन्य पदों में नियुक्तियों में बड़े स्तर पर हुई धांधलियों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जेके बैंक जोनल कार्यालय, रेल हेड कांप्लेक्स के बाहर हुए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बैकिंग एसोसिएट्स के कुल 1600 पदों में से 1200 कश्मीर को जबकि 340 पद जम्मू व लद्दाख के हिस्से में आए हैं। यही नहीं बैंक ने सलेक्शन लिस्ट को सार्वजनिक भी नहीं किया।

प्रदर्शनकारियों को कहना था कि बैंक को जवाब देना होगा कि क्यों उन्होंने सूची को सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने बैंक में पिछले 5 सालों में हुई सभी भर्तियों की जांच कराए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बैंक की साख बचाए रखने के लिए जम्मू के लोगों के सामने भर्ती की पारदर्शिता जाहिर होनी चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जेके बैंक में राज्य सरकार की 53 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। ऐसे में बैंक अपनी मनमर्जी नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट का भी मानना है कि सरकारी क्षेत्र में कोई भी भर्ती नोटिस जारी किए बिना नहीं हो सकती।

जेकेएनपीपी व एनपीएसयू नेताओं ने जेके बैंक द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल करने के लिए आवेदनों को खारिज करने की भी निंदा की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस मुद्दे को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
(दैनिक भास्कर,जम्मू,15.11.11)।

रांची हाईकोर्ट का आदेशः नहीं होगी शिक्षकों की बहाली!

Posted: 14 Nov 2011 11:11 PM PST

राज्य के प्राइमरी स्कूलों में 8042 सहायक और उर्दू शिक्षकों की बहाली पर झारखंड हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। चयनित शिक्षकों को झारखंड के स्थापना दिवस पर मंगलवार को नियुक्ति पत्र मिलना था।


इस संबंध में अंजुमन तारिक-ए-उर्दू, झारखंड की ओर से याचिका दायर की गई थी। इसमें बहाली के लिए निकाले गए विज्ञापन को असंवैधानिक ठहराने का आग्रह किया गया था। याचिका में कहा गया था कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद छह बार विज्ञापन में संशोधन किया गया, जो न्यायोचित नहीं है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस प्रकाश चंद्र टाटिया व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने बहाली पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

रिजल्ट रद्द करने का आग्रह
याचिका में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आधार पर की जा रही बहाली को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि टीईटी क्वालिफाइंग परीक्षा थी। बिना मुख्य परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशित करना नियम के विरुद्ध है। इसलिए रिजल्ट रद्द की जाए।

फैक्ट फाइल 
विज्ञापन की तिथि 27 मार्च 2011 
संशोधित विज्ञापन मई 2011 
सहायक शिक्षक पद 13,807 
उर्दू शिक्षक का पद 4,401 
कुल अभ्यर्थी 1,14,748 
टीईटी का आयोजन 20 जुलाई 2011


ये भी आरोप
* बिना मुख्य परीक्षा के सीधी नियुक्ति
* विज्ञापन शर्तो का नहीं हुआ पालन
* एनसीटीई के सिलेबस, पैटर्न, गाइड लाइन और नार्म्स का पालन नहीं हुआ
* 7 सवाल गलत थे
* हिंदी के सवाल में अंग्रेजी शब्द का प्रयोग किया गया।
* मुख्य परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 35, एससी-एसटी वर्ग को 30त्न अंक जरूरी(दैनिक भास्कर,पटना,15.11.11)

राजस्थानः पटवारी परीक्षा का परिणाम अटका

Posted: 14 Nov 2011 11:09 PM PST

पटवारी परीक्षा देने वाले पौने सात लाख अभ्यर्थियों को परीक्षा परिणाम के लिए चंद दिन और इंतजार करना होगा। करीब डेढ़ हजार अभ्यर्थियों के आंसर व क्वेश्चन शीट में नंबरों का मिलान नहीं होने के चलते परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है। संपूर्ण प्रक्रिया पूरी कर कलेक्टरों के माध्यम से परिणाम घोषित किया जाएगा।

मंडल के रजिस्ट्रार हेमंत शेष ने बताया कि परिणाम घोषित करने की सोमवर को पूरी तैयारी थी, लेकिन तकनीकी कारणों व अभ्यर्थियों की सुविधा को देखते हुए परिणाम जारी करने में दो -तीन दिन और लग सकते हैं।

उन्होंने बताया कि तकरीबन डेढ़ हजार अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट (आंसर शीट) और क्वेश्चन शीट के नंबर मिलान नहीं हो रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों ने या तो गलत नंबर भरे हैं या फिर तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है।


इसलिए मंडल प्रशासन पूरी जांच के बाद ही परिणाम घोषित करेगा ताकि अभ्यर्थियों को परेशानी नहीं हो। परीक्षा परिणाम कलेक्टरों के माध्यम से जारी किए जाएंगे और सभी जिलों के वेबसाइट के अलावा राजस्व मंडल की वेबसाइट पर भी परीक्षा परिणाम उपलब्ध रहेगा। जिलावार मेरिट तैयार होगी। राजस्व मंडल द्वारा हरेक जिले के परीक्षा परिणाम की सीडी सीलबंद कर कलेक्टरों को सौंपी जाएगी।

नकल के 13 प्रकरण में रिजल्ट नहीं

मंडल सूत्रों के अनुसार परीक्षा के दौरान नकल के 13 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इसमें से सबसे ज्यादा 6 मामले बांसवाड़ा में हुए थे। इन सभी प्रकरण में परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया जाएगा।

बोनस अंक मिलेंगे

पटवारी परीक्षा में गणित के कुछ प्रश्न गलत आए थे। इनकी जांच 4 प्रोफेसर व संबंधित डीन की कमेटी ने कर मंडल को रिपोर्ट दी थी। इसके आधार पर यह निर्णय किया गया है कि गलत प्रश्नों के लिए अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए जाएंगे।

'परीक्षा परिणाम जारी करने की पूरी तैयारी थी, लेकिन कुछ अभ्यर्थियों की आंसर व क्वेश्चन शीट के नंबर में अंतर की वजह से फिलहाल जांच की जाकर दो तीन दिन में रिजल्ट जारी करेंगे।'

हेमंत शेष, रजिस्ट्रार, राजस्व मंडल(दैनिक भास्कर,अजमेर,15.11.11)

मध्यप्रदेशःस्कूलों में गीता ज्ञान को लेकर शुरू हुई 'महाभारत'

Posted: 14 Nov 2011 11:07 PM PST

स्कूलों में बच्चों को भागवत गीता का ज्ञान हर हाल में देने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान के बाद इस मामले को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। हिंदू धर्म के आचार्यो ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि गीता सार्वभौमिक ग्रंथ है, इसका बच्चों को ज्ञान देने पर किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए।

वहीं, ईसाई व मुस्लिम संप्रदायों के धर्म प्रमुखों का कहना है कि प्रदेश के स्कूलों में सभी धर्मो के बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें किसी एक धर्म के ग्रंथ का ज्ञान देना या पूजा पद्धति सिखाना उचित नहीं है। कुछ प्राइवेट स्कूलों की भी यही राय है। इधर सरकार ने गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव राय के लिए विधि विभाग को भेज दिया है।


श्री चौहान ने रविवार को इंदौर के सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान में दिए भाषण में कहा था कि गीता कोई साम्प्रदायिक ग्रंथ नहीं है। कर्म करो फल की चिंता मत करो, इस वाक्य में कौन सी सांप्रदायिकता है? अगर इससे किसी को तकलीफ होती है तो होती रहे। सीएम के इस बयान के बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। करीब 5 माह पहले भी मुख्यमंत्री ने स्कूलों में गीता पढ़ाने की बात कही थी। स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने 12 वीं तक की कक्षा के लिए गीता के पाठ पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार कर परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा है।

मामला हाईकोर्ट में

स्कूलों में गीता का सार पढ़ाए जाने के फैसले को बिशप काउंसिल ने हाईकोर्ट जबलपुर में चुनौती दी है। याचिका में काउंसिल ने कहा था कि स्कूलों में धर्म विशेष के ग्रंथ को शामिल किया जाता है तो अन्य धर्मो के ग्रंथों को भी पढ़ाया जाए। 

बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया था कि गीता धर्मग्रंथ नहीं बल्कि जीवन का सार है, लिहाजा पहले उसका अध्ययन किया जाए। इसके बाद प्रकरण की सुनवाई अनिश्चित अवधि के लिए बढ़ा दी गई। काउंसिल की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट राजेश चंड के अनुसार अब वे फिर से हाईकोर्ट में यह तथ्य प्रस्तुत कर साबित करेंगे कि गीता में कही गईं बातें एक धर्म विशेष को ध्यान में रख कर कही गई हैं(दैनिक भास्कर,भोपाल,15.11.11)।
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Palash Biswas
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