Thursday, May 19, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/19
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


बिहारःशिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 35 वर्ष होगी उम्रसीमा

Posted: 18 May 2011 10:40 AM PDT

शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए राज्य सरकार की तैयारी अंतिम दौर में है. प्राथमिक से उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा में बैठने की न्यूनतम योग्यता निर्धारित की जा रही है. सामान्य वर्ग के पुरुष के लिए अधिकतम उम्र 35 वर्ष व महिला के लिए 38 वर्ष, पिछड़ा वर्ग के पुरुष के लिए 37 वर्ष व महिला के लिए 38 वर्ष और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए 40 वर्ष निर्धारित की गयी है. इस परीक्षा से करीब एक लाख शिक्षकों का नियोजन होना है.
प्राथमिक विद्यालय के लिए पात्रता परीक्षा में बैठने की न्यूनतम योग्यता 50 फीसदी अंक के साथ इंटर पास होगी, जबकि मध्य विद्यालय के लिए न्यूनतम योग्यता 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक होगी.
वहीं, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 50 फीसदी अंक के साथ स्नातकोत्तर की डिग्री आवश्यक है.बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो राजमणि प्रसाद सिंह ने कहा कि परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. प्रशिक्षित शिक्षकों को अंक में पांच फीसदी की छूट होगी. 10 जुलाई को प्राथमिक व मध्य और 17 जुलाई को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए पात्रता परीक्षा होगी(प्रभात खबर,पटना,18.5.11).

डीयू की दाखिला प्रक्रिया पर उठे सवाल

Posted: 18 May 2011 10:30 AM PDT

डीयू में एससी/एसटी दाखिला प्रक्रिया को लेकर एससी/एसटी काउंसलरों ने सवाल उठाए हैं। काउंसलरों ने डीयू कुलपति प्रो. दिनेश सिंह से मिलकर उन्हें सुधार की दिशा लिखित सुझाव भी दिए। डीयू शैक्षणिक परिषद के सदस्य डॉ.एसके सागर ने बताया कि डीयू में सामान्य और ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए पांच कट ऑफ लिस्ट निकलती हैं, वहीं एससी/एसटी छात्रों के लिए मात्र दो कट ऑफ लिस्ट ही जारी होती हैं। काउंसिलिंग के दौरान जिस कॉलेज और कोर्स में छात्र को दाखिला दे दिया जाता है, उसे वहीं पढ़ना होता है, बाद में किसी अन्य कोर्स या कॉलेज में छात्र का माइग्रेशन नहीं होता। कई बार दबाव में हिंदी माध्यम के छात्र को अंग्रेजी ऑनर्स में दाखिला दे दिया जाता है। जबरदस्ती दिए गए दाखिलों के कारण ही विवि के कोर्सो में औसतन 70 फीसदी पढ़ाई छोड़ देते हैं या फेल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि लाइजनिंग ऑफिसर एससी/एसटी प्रमाण-पत्रों की एक माह में जांच कराए। जिससे फर्जी प्रमाण पत्रों का खुलासा हो सके। साथ ही एससी/एसटी की दाखिला प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया जाए। डॉ. डॉ.एसके सागर, प्रभाकर, हंसराज, एस. आनंद और डॉ. सुरेश कुमार ने हस्ताक्षरित ज्ञापन कुलपति को सौंपा। डॉ. सागर ने बताया कि कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द ही सुधार की दिशा में उचित कार्रवाई के प्रति उन्हें आश्वस्त किया है। इस बारे में विवि प्रशासन का कहना है कि डीयू द्वारा एससी/एसटी काउंसिलिंग और दाखिला प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई जाती है। अभी दाखिला प्रक्रिया एक स्थान पर होती है, इसके विकेंद्रीकरण से छात्रों की परेशानी बढे़गी। जहां तक 70 फीसदी ड्रॉप आउट की बात है तो इसे चेक कराया जाएगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,18.5.11)।

झारखंडःडीएवी ग्रुप के स्कूलों में कल से मिलेगा फार्म

Posted: 18 May 2011 10:20 AM PDT

डीएवी ग्रुप के स्कूलों में 11वीं में नामांकन के लिए फार्म का वितरण 19 मई से शुरू होगा. फार्म की कीमत 500 रुपये है. विज्ञान संकाय में गणित, विज्ञान व अंगरेजी में 90 फीसदी वाले छात्र सीधे नामांकन ले सकते हैं. 80 फीसदी वाले को फार्म दिया जायेगा. जीवविज्ञान ग्रुप के लिए 80 फीसदी वाले सीधे नामांकन व 75 फीसदी वाले छात्र फार्म ले सकते हैं. कॉमर्स में गणित, अंगरेजी व सामाजिक विज्ञान में 80 फीसदी वाले सीधा नामांकन ले सकते हैं, जबकि 75 फीसदी वाले छात्र को फार्म ले सकते हैं. राजधानी में डीएवी हेहल, डीएवी गांधीनगर, डीएवी बरियातू व डीएवी कपिलदेव में प्लस टू की पढ़ाई होती है(प्रभात खबर,रांची,18.5.11).

डीयूःउपस्थिति का ब्यौरा ऑनलाइन करने का सुझाव

Posted: 18 May 2011 10:10 AM PDT

डीयू छात्रसंघ की ओर से कुलपति और डीन स्टूडेंट वेलफेयर को सुझाव दिया गया है कि कॉलेज प्रति सप्ताह या माह में छात्रों की उपस्थिति कॉलेज वेबसाइट पर जारी किया जाए। बताया जाता है कि विवि प्रशासन को यह सुझाव अच्छा लगा है। उम्मीद है कि विवि प्रशासन जल्द ही कॉलेजों को एक सरकुलर जारी कर छात्रों की ऑन लाइन उपस्थिति का ब्यौरा जारी करने के निर्देश दे सकता है। डूसू अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने बताया कि इस वर्ष कई कॉलेजों ने कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति के नियमों पर सख्ती बरती है। छात्रों की कक्षा में उपस्थिति कम दिखाई गई है। ऐसे सैंकड़ों छात्र हैं, जिन्हें कम उपस्थिति का नियम दिखा परीक्षा में बैठने से वंचित किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखकर उन्होंने विवि प्रशासन से मांग की है कि प्रत्येक कॉलेज साप्ताहिक कक्षा उपस्थितियों को कॉलेज वेबसाइट पर जारी करे। शनिवार और रविवार प्राध्यापकों के पास खाली होते हैं। ऐसे में चिट बनाकर हर सोमवार को कॉलेज कंप्यूटर लैब में दें, जिसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। कोई छात्र अगर क्लास बंक करता है तो छात्र के परिजनों को इसकी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही जिस छात्र को लगता है कि उसकी अनुपस्थिति गलत लगाई गई है, वह प्राचार्य के नाम पत्र लिख उसमें संशोधन करा सकेगा। इससे लापरवाही बरतने वाले प्राध्यापकों की जानकारी भी प्राचार्य को हो सकेगी। अगर कॉलेज साप्ताहिक उपस्थित ऑनलाइन जारी नहीं कर सकते तो 15 दिन या फिर महीने में एक बार जरूर जारी करें। इस संबंध में विवि प्रशासन का कहना है कि डूसू अध्यक्ष का सुझाव अच्छा है, इस पर विचार किया जा रहा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,18.5.11)।

झारखंडःशिक्षक नियुक्ति परीक्षा स्थगित

Posted: 18 May 2011 10:00 AM PDT

प्राथमिक व उर्दू शिक्षक नियुक्ति के लिए 29 मई को होनेवाली प्रारंभिक परीक्षा स्थगित कर दी गयी है. जैक अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने बताया कि परीक्षा शिक्षा विभाग के निर्देश पर स्थगित की गयी है.
विभाग के ओर से निर्देश दिया गया है कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा शिक्षक पात्रता परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुरूप लिया जाये. अब परीक्षा शिक्षक पात्रता परीक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर ही ली जायेगी. झारखंड एकेडेमिक काउंसिल द्वारा अगली तिथि की घोषणा शीघ्र की जायेगी(प्रभात खबर,रांची,18.5.11).

दिल्लीः दस साल से सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा का स्वांग

Posted: 18 May 2011 09:50 AM PDT

हर मोर्चे पर पब्लिक स्कूलों से टक्कर लेने का दावा करने वाली दिल्ली सरकार आखिर बीते दस सालों से कंप्यूटर शिक्षा का स्वांग क्यों रचा रही थी? जबकि वह कंप्यूटर शिक्षा के लिए गंभीर ही नहीं है। दस साल पहले सभी स्कूलों में न केवल 10 से 30 कंप्यूटरों को लगाने में करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, बल्कि स्कूलों में अलग से एक कंप्यूटर लैब भी बनाया गया था। लेकिन अब तक सरकार के पास कंप्यूटर साइंस शिक्षकों की नियुक्ति का कोई नियम ही नहीं है। कंप्यूटर की पढ़ाई की जिम्मेदारी एक निजी कंप्यूटर एजेंसी को सौंपी गई थी, जिसने सभी स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए दो से तीन शिक्षकों की नियुक्ति की थी। लेकिन हद तो तब हो गई जब इसी साल 31 मार्च को स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई कराने वाले तीन हजार अस्थायी शिक्षकों को अचानक चलता कर दिया गया। यही तक बात खत्म हो जाती तो ठीक था, सरकार ने दिल्ली की जनता को सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा के नाम पर मूर्ख बनाने का एक और कदम बढ़ा दिया। सरकार दस साल पहले लगाए गए 15 से 20 हजार कंप्यूटरों को ठीक ढंग से रख नहीं पा रही थी, उल्टे कुछ दिन पहले कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति से 800 कंप्यूटर कबाड़ में और खरीद लिए गए। अब बड़ा सवाल यह है कि जब 31 मार्च को स्कूलों से कंप्यूटर शिक्षकों को चलता कर दिया गया था तो फिर 800 कंप्यूटरों को कबाड़ में खरीदने की जरूरत ही क्या थी? सरकार अगर कंप्यूटर शिक्षा के प्रति गंभीर है तो फिर स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति करे(दैनिक जागरण,दिल्ली,18.5.11)।

डीयूःहंसराज में पढ़ाई जाएगी एमएससी अर्थ साइंस

Posted: 18 May 2011 09:40 AM PDT

डीयू नॉर्थ कैंपस स्थित हंसराज कॉलेज एमएससी अर्थ साइंस कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसकी अवधि पांच वर्ष होगी और बारहवीं के बाद इसमें दाखिला लिया जा सकता है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीके कवात्रा ने बताया कि एमएससी अर्थ साइंस कोर्स शुरू करने वाला हंसराज कॉलेज विवि का एकमात्र कॉलेज है। उन्होंने बताया कि आइआइटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के बाद बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर इस कोर्स में दाखिला लिया सकता है। फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित की कक्षाएं कॉलेज में ही लगेंगी। बाकी की कक्षाएं जूलॉजी विभाग में लगेंगी। कोर्स में 25 सीटें होंगी। कॉलेज में कुल सीटें 1165 हैं। कॉलेज के कोर्सो का एडमिशन शेड्यूल विवि द्वारा घोषित तिथियों के अनुरूप ही रहेगा। खास बात यह है कि कॉलेज एडमिशन फॉर्म के अलावा स्पो‌र्ट्स और अतिरिक्त गतिविधियों के लिए अलग से फॉर्म जारी करेगा। कॉलेज में अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों (सांस्कृतिक गतिविधियां, नृत्य, गान, भाषण आदि में निपुणता) वाले छात्रों के लिए दो से तीन दिन ट्रायल लिए जाते हैं। निशानेबाजी व अन्य खेलों के लिए यहां बढि़या स्पो‌र्ट्स ग्राउंड और शूटिंग रेंज की विशेष व्यवस्था है। दाखिल के लिए कॉलेज ने अलग से कोई नियम नहीं बनाए हैं। विवि की सभी गाइडलाइंस को दाखिला प्रक्रिया में वरीयता दी जाएगी। अलग से कोई नियम छात्रों पर नहीं थोपा जाएगा। कॉलेज में केवल ब्वॉयज हॉस्टल है, जिसकी क्षमता 180 छात्रों की है। प्लेसमेंट केंद्र : कॉलेज ने अपना प्लेसमेंट केंद्र भी खोला हुआ है। जिसके माध्यम से गत वर्ष 180 से अधिक छात्रों को विभिन्न कंपनियों में नौकरी के ऑफर दिए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए छात्र कॉलेज की वेबसाइट www.hansrajcollege.co.in पर सर्च कर सकते हैं(दैनिक जागरण,दिल्ली,18.5.11)।

हरियाणाःलेक्चरर्स बोले-वापस लिए जाएं झूठे केस

Posted: 18 May 2011 08:45 AM PDT

पालीटेक्निक एसोसिएशन और सर्व कर्मचारी संघ ने मंगलवार को लेक्चर्स के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मामले वापस लेने तथा लेक्चर्स एसोसिएशन की मांगों को पूरा करने के लिए डीसी को सीएम के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। डीसी कैंपस में ज्ञापन सौंपने के बाद कर्मचारी संगठनों ने कैंपस के बाहर नारेबाजी की।

इससे पूर्व ऑल हरियाणा पालीटेक्निक एम्पालक्ष्ज एसोसिएशन, सर्व कर्मचारी संघ जिला अम्बाला, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ, ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पालीटेक्निक) के सदस्य पॉलीटेक्निक के सामने एकत्रित हुए। वहां से वे जुलूस के रूप में डीसी कैंपस पहुंचे। कैंपस में डीसी ने 10 सदस्यों को मीटिंग के बुलाया।

डीसी ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सरकार के पास भेज दिया जाएगा।

आज से फिर बैठेंगे धरने पर

जब पालीटेक्निक एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिला तो उन्होंने कहा कि संस्थान से 300 मीटर दूर धरने पर बैठ सकते हैं। 200 मीटर पर धारा 144 लागू की गई है। एसोसिएशन ने बुधवार से फिर धरने पर बैठने की घोषणा की है।

कमेटी का ये है ज्ञापन


ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा कि एआईसीटीई के पे-स्केल देश के 13 राज्यों में लागू हो चुके हैं इसलिए इन स्केल को हरियाणा की पालीटेक्निक में लागू किया जाए। 

कमेटी ने लाइब्रेरी सहायक को पे-बैंड 2 ग्रेड पे 4200 रुपए, जूनियर लाइब्रेरियन को पे-बैंड 2 ग्रेड पे 4800 रुपए, वर्कशाप इंस्ट्रक्टर को पे बैंड 2 को 4600 ग्रेड पे देने, फोरमैन इंस्ट्रक्टर को लेक्चर्स के बराबर पे स्केल देने के अलावा अन्य मांगे भेजी।

एम्पालइज एसोसिएशन का ये है ज्ञापन

राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने सीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा कि लेक्चर्स ने परीक्षा का बहिष्कार किया। लेक्चर्स ने दस दिन का अर्जित अवकाश लिया था। उनका सहयोग करने पर पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया जिस कारण छात्र भड़क उठे, उन्होंने संस्थान में तोडफ़ोड़ की। 

उस समय पुलिस की कार्रवाई लगभग नकारात्मक थी। नान टीचिंग स्टाफ प्रतिदिन की तरह अपना काम करता रहा। प्रदेश के कई प्रिंसिपल नान टीचिंग स्टाफ को परीक्षा ड्यूटी देने में बाध्य कर रहे हैं। एसोसिएशन ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।

कर्मचारी संघ ने कहा - झूठे मामले वापस लें

सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष इंद्र सिंह बधाना तथा सचिव महेश गोयल ने सीएम के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि दोनों पालीटेक्निक के लेक्चर्स के खिलाफ पुलिस ने जो झूठे मामले दर्ज किए हैं उन्हें वापस लिया जाए। महिला कर्मचारियों को देर रात के थाने में रखा गया है। 

संघ ने इसकी कड़ी निंदा की है। लेक्चर्स 13 मई से शांतिपूर्वक ढंग से धरने पर बैठे हुए हैं। बार-बार अपील करने के बाद भी सरकार उनसे कोई बातचीत नहीं कर रही है। संघ ने संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ बातचीत कर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए। ट्रेड यूनियन अधिकारों को बहाल किया जाए।

शिक्षा विभाग के अध्यापकों की ड्यूटी का विरोध

हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने बहुतकनीकी संस्थान के आंदोलन कर रहे लेक्चर्स पर झूठे मामले दर्ज करने की निंदा की है। संघ के मुख्य सलाहकार अशोक सैनी ने लेक्चर्स की समस्याओं को बातचीत से हल करने व समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा। 

डीसी द्वारा शिक्षा विभाग के अध्यापकों की ड्यूटी तकनीकी संस्थानों में लगाने का विरोध किया। आंदोलन कर रहे लेक्चर्स पर दमनकारी नीति अपनाने की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इसे संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। संघ लेक्चर्स के आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन देगा। 

उन्होंने कहा कि कोई भी अध्यापक तकनीकी संस्थान में जाकर ड्यूटी नहीं देगा। संघ ने जिला प्रशासन को सलाह दी कि वह बिना वजह माहौल खराब न करें(दैनिक भास्कर,अम्बाला,18.5.11)।

झारखंडःअंडरटेकिंग दो, रिम्स की सीट लो

Posted: 18 May 2011 08:30 AM PDT

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने रिम्स में एमबीबीएस सीटों की संख्या 90 से बढ़ाकर 150 करने के लिए कई बिंदुओं पर अंडरटेकिंग मांगी है।

राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर इस बात की अंडरटेकिंग देनी है कि वह रिम्स को पर्याप्त बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएगा। साथ ही संस्थान में 300 छात्र-छात्राओं के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था करनी है। अंडरटेकिंग देने के बाद ही एमसीआई वर्ष 2011-12 में 150 सीटों पर एडमिशन की अनुमति देगा।

क्या है एमसीआई के पत्र में

एमसीआई के सेक्रेटरी देविंदर कुमार की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रिम्स प्रबंधन के अनुरोध पत्र और फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद अस्पताल में सीटों की संख्या बढ़ाने पर विचार हो रहा है। हालांकि इससे पूर्व सरकार को कई बिंदुओं पर अंडरटेकिंग देनी होगी।

साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि एमसीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की अनुमति के बगैर बढ़े हुए सीटों पर एडमिशन नहीं लिया जाएगा। एमसीआई का पत्र मिलने के बाद रिम्स निदेशक डॉ. एके महतो ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा है।

स्वास्थ्य सचिव ने भी इस पर तत्काल कार्रवाई के लिए विशेष सचिव पीसी मिश्रा को निर्देश दिया है।

कैसे होगी लाइब्रेरी की उचित व्यवस्था

रिम्स में अभी करीब 200 विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था है। 150 सीट करने से पहले इसकी क्षमता बढ़ाकर 300 करनी है। रिम्स निदेशक डॉ. एके महतो के अनुसार लाइब्रेरी में पर्याप्त जगह है।


यहां 300 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था हो सकती है। इस दिशा में काम प्रारंभ कर दिया गया है। जल्द ही इसे पूरा भी कर लिया जाएगा। 

एमसीआई के पत्र पर कार्रवाई शुरू हो गई है। अंडरटेकिंग के लिए राज्य सरकार को पत्र लिख दिया गया है। सारी प्रक्रिया निर्धारित समय में पूरी कर इसी सत्र से 150 सीटों पर नामांकन प्रारंभ हो जाएगा। इसमें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
डॉ. तुलसी महतो, निदेशक रिम्स(पवन कुमार,दैनिक भास्कर,रांची,18.5.11)

तैयारी इंटरव्यू की

Posted: 18 May 2011 07:30 AM PDT

21वीं सदी के इस दशक में लिखित परीक्षाओं से कहीं ज्यादा इंटरव्यू की अहमियत हो गई है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि किसी को जानना महज कागज के एक फुट टुकड़ा जिसे डिग्री कहते हैं, से संभव नहीं है। डिग्री भले किसी के बारे में कुछ बयां करती हो लेकिन उसकी असली जांबाजी, उसकी असली समझदारी तो काम के दौरान ही पता चलती है। इसलिए चाहे बड़े-बड़े कार्पोरेट घराने हों या देश की सबसे बड़ी सिविल सेवा, हर जगह अब इंटरव्यू पहले से कहीं ज्यादा और कुछ मायनों में तो लिखित परीक्षा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गये हैं। आपको भले हैरानी हो लेकिन यह हकीकत है कि कई बार लिखित परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थी भी इंटरव्यू के दौरान दूसरे सामान्य अभ्यर्थियों की माफिक ही साबित होते हैं या उनसे भी कमजोर।
सवाल उठता है कि ऐसा क्यों होता है? शायद इसकी वजह यह होती है कि लोग समझ लेते हैं कि इंटरव्यू की तैयारी करने की क्या जरूरत होती है? इसलिए पूरे समय सिर्फ लिखित परीक्षा की ही तैयारी होती रहती है। अगर इंटरव्यू की तैयारी की भी जाती है तो उसमें वह गंभीरता और वह जिज्ञासा शामिल नहीं होती है जो लिखित परीक्षा में होती है। यह गलत नजरिया है। आइए जानें कि कैसे आज के दौर में लिखित परीक्षा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुके इंटरव्यू की तैयारी करें।
तैयारी में क्या करें
याद रखिये, आजकल सैद्धांतिक सवाल-जवाब का जमाना नहीं है। इसलिए आपको बड़े-बड़े सिद्धांतों और सूत्रों को रटने की बजाय अपने बायोडाटा पर एक गहरी और विस्तृत नजर डालनी चाहिए। क्योंकि आजकल चलन यह है कि आप जो काम करने जा रहे हैं, जिसके लिए आपका चयन हुआ होता है उसी से संबंधित सवाल ज्यादा पूछे जाते हैं। अत: साक्षात्कार की तैयारी के लिए अभ्यर्थी को अपने बायोडाटा के विविध पहलुओं से संबंधित संभावित सवालों के जवाब तय कर लेने चाहिए। इसके लिए आप अपने मित्रों के साथ सवाल-जवाब के क्रम में तैयारी करें। अपने पेशे और उसके वर्तमान व भविष्य की एक समीक्षात्मक दृष्टि आपमें होनी चाहिए। सामयिक मुद्दों पर वृहद चर्चा कर सकने की आपमें क्षमता होनी चाहिए। इसके लिए अपने मित्रों के साथ सामयिक विषयों पर वार्तालाप करें। अपनी उच्चारण संबंधी त्रुटियों को दूर करने का प्रयास करें, साथ ही अपनी बॉडी लैंग्वेज को विश्वसनीय बनाएं।
साक्षात्कार के दिन अभ्यर्थी को पूरी तरह से शारीरिक एवं मानसिक संतुलन बनाये रखना चाहिए। उसे इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि पूरे दिन माहौल सकारात्मक एवं खुशनुमा बना रहे। इसके लिए मानसिक के साथ-साथ शारीरिक क्षमता की भी दरकार होती है। अत: रोजमर्रा की जीवनशैली में फिटनेस और शारीरिक स्वास्थ्य पर इस लिहाज से भी ध्यान देना जरूरी होता है कि इसका असर हमारे करिअर पर भी पड़ता है।

साक्षात्कार स्थल पर समय पर पहुंचकर अनुशासन का पालन करना अभ्यर्थी के लिए परम आवश्यक है। बुलावे की प्रतीक्षा करते समय प्रतियोगी को किसी भी ऐसे अभ्यर्थी से जो कि विचलित व निराश हो, अनावश्यक चर्चा या वार्तालाप में नहीं उलझना चाहिए। ऐसे समय में उस दिन का समाचार पत्र अवश्य पढ़ लेना चाहिए जिस दिन आप साक्षात्कार के लिए जा रहे हों। बोर्ड के सदस्यों के समक्ष जाने से पहले आपको थोड़ा पानी अवश्य पी लेना चाहिए। जब आप साक्षात्कार वाले कमरे में प्रवेश कर रहे हों तो उस समय सामान्य मुस्कान के साथ बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों का अभिवादन करना न भूलें। बोर्ड द्वारा एक बार स्थान ग्रहण के आदेश पर अभ्यर्थी को धन्यवाद देते हुए अपना स्थान ग्रहण करना चाहिए। बैठने की मुद्रा आरामदायक किंतु सावधानीपूर्वक होनी चाहिए।

जब उत्तर दें
सिर्फ प्रश्नों के उत्तर देना ही महत्वपूर्ण नहीं है अपितु पूछे गये सवालों के जवाब देने की शैली भी महत्वपूर्ण है। अत: जब पैनल के पूछे गये सवालों का जवाब दें तो उस समय आपकी बॉडी लैंग्वेज कुछ इस प्रकार होनी चाहिए :-
* प्रश्नों का उत्तर प्रश्नकर्ता की ओर देखते दें।
* उत्तर देते हुए पूरी तन्मयता व गहराई झलकनी चाहिए।
* जवाब सटीट यानी टू द प्वाइंट हो
* जिस भाषा में सवाल पूछा गया हो उसी भाषा में जवाब देने की कोशिश करें।
* उत्तेजित न हों
* आत्मसंयम बनाये रखें।
इंटरव्यू के बाद
* गरिमापूर्ण अंदाज में उठें।
* पैनल का वैसे ही मुस्कराहट के साथ अभिवादन करें जैसे आने के समय किया था।
* बहुत तेज कदमों से बाहर की ओर न भागें
* इंटरव्यू कक्ष से निकलते समय एक नजर पैनल पर डालें और नजरों ही नजरों में मुस्कराते हुए बाय कहें(नरेन्द्र कुमार,दैनिकट्रिब्यून,18.5.11)।

बीमा क्षेत्र में करिअर

Posted: 18 May 2011 06:40 AM PDT

बीमा क्षेत्र में गिनी-चुनी सरकारी कंपनियों के एकाधिकार की समाप्ति के बाद मैदान में टाटा, बिड़ला, रिलायंस, डाबर, प्रूडेन्शियल, कार्डिफ सरीखी निजी एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मैदान में प्रवेश से रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं। इतने विशाल भारतीय बाजार पर काबू पाने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी इन कंपनियों का मूल मंत्र 'बेहरत ग्राहक सेवा' की प्रदानगी होगी और स्पष्टï है कि बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु इन्हें कुशल एवं प्रशिक्षित इन्श्योरेंस प्रोफैशनल्स की जरूरत भी पड़ेगी।
बीमा क्षेत्र में रोजगार पाने के इच्छुक लोगों के पास आवश्यक प्रशिक्षण एवं दृढ़ संकल्प होना चाहिए। इसके अलावा इस उद्योग में किस सेवा क्षेत्र को अपना करिअर बनाना है इसका चयन भी बहुत महत्वपूर्ण है। बीमा उद्योग के विस्तार ने मार्किटिंग एवं डिस्ट्रिब्यूशन, एक्चुअरी, रिस्क, मैनेजमेंट, इन्वेस्टमेंट, सर्वेक्षण इत्यादि क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर सृजित किये हैं।
एक्चुरियल
भविष्य की अनिश्चित घटनाओं के वित्तीय परिणामों पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन, बीते कल का विश्लेषण, जोखिम का मूल्यांकन, बीमा निवेश, वित्तीय नियोजन तथा प्रबंधन संबंधी विभिन्न वित्तीय समस्याओं का समाधान हेतु परामर्श देना एक्चुअरी का प्रमुख कार्य है। उसे सफल व्यापार प्रबंधन के साथ-साथ जनता के वित्तीय हितों की रक्षा करने जैसा सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करना होता है। सफल एक्चुअरी बनने हेतु गणित तथा विश्लेषणात्मक कार्यों में निपुण होना आवश्यक है। भारत में इस व्यवसाय के संवद्र्धन हेतु 1944 में 'एक्चुरियल सोसायटी ऑफ इंडिया' की स्थापना की गई थी। इस क्षेत्र में करिअर बनाने के इच्छुक लोगों को यह संस्थान सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस प्रदान करने के अलावा सामान्यत: मई एवं नवंबर में प्रतिवर्ष विभिन्न स्तर की परीक्षाएं आयोजित करने का कार्य भी करता है।
सर्वेयर/ क्लेम एडजस्टर
बीमा दावे (इंश्योरेंस क्लेम) की जांच इत्यादि का कार्य सर्वेयर अथवा क्लेम एडजस्टर ही करते हैं। विधि, इंजीनियरिंग, चिकित्सा तथा वित्त इत्यादि क्षेत्र के प्रशिक्षित प्रोफैशनल्स इस कार्य हेतु आदर्श माने जाते हैं। बतौर स्वतंत्र सर्वेयर कार्य करने हेतु लाइसेंस की आवश्यकता होती है जो इंस्टीच्यूट ऑफ इंश्योरेंस सर्वेयर्स एंड एडजस्टर्स, मुंबई द्वारा संचालित फैलोशिप अथवा एसोसिएटशिप परीक्षा उतीर्ण, इंजीनियरिंग, नेवल आर्किटेक्चर, आर्किटेक्चर में डिग्री अथवा डिप्लोमा धारकों, इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया अथवा इंस्टीच्यूट ऑफ कास्ट एंड वक्र्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्यों को बीमा नियंत्रक द्वारा प्रदान किया जाता है।
रिस्क मैनेजर
रिस्क मैनेजर अर्थात् जोखिम प्रबंधक बीमा हेतु जमा प्रस्तावों का विश्लेषण करके संभावित जोखिम का पता लगाता है। तत्पश्चात प्रस्तावों की स्वीकृति अथवा निरस्तता हेतु अनुशंसा करता है। इंश्योरेंस एवं रिस्क मैनेजमेंट के देशभर में विभिन्न स्तर के पाठ्यक्रम संचालित किये जाते हैं। यह पाठ्यक्रम नियमित, पार्ट टाइम तथा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से संचालित किये जाते हैं।

'इंश्योरेंस इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया' जिसकी 1955 में बीमा शिक्षण एवं प्रशिक्षण के उद्देश्य से स्थापना की गई थी। लाइसेंसिएटशिप, एसोसिएटशिप तथा फैलोशिप के अतिरिक्त इंस्पेक्टर्स तथा इंश्योरेंस सेल्समैनशिप में प्रमाण पत्र की भी परीक्षा आयोजित करती है। इसके अलावा विभिन्न संस्थान बीमा शिक्षण एवं प्रशिक्षण से जुड़े हुए हैं जिनके विज्ञापन अकसर स्थानीय एवं राष्ट्रीय समाचारपत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।

इन्वेस्टमेंट मैनेजर
महत्वपूर्ण इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (निवेश नियोजन) व निवेश संबंधी निर्णय लेने हेतु कुशल एवं सक्षम वित्त प्रबंधकों की प्रत्येक बीमा कंपनी को आवश्यकता होती है। वित्त सेवा क्षेत्र के अनुभवी एमबीए कास्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इस कार्य हेतु उपयुक्त अभ्यर्थी समझे जाते हैं।
मार्केटिंग एवं डिस्ट्रिब्यूशन
किसी भी उत्पाद को बाजार में प्रस्तुत करना तथा इसे राजस्व के रूप में परिवर्तित करना बहुत ही चुनौती भरा कार्य है। मार्किटिंग मैनेजमेंट (विपणन प्रबंधन) में डिग्री अथवा डिप्लोमा धारक इस दायित्व को निभाने में अपना भाग्य आजमा सकते हैं।
आई.टी. विशेषज्ञ
यह सूचना क्रांति का युग है तथा इस व्यस्त एवं भागदौड़ की जिंदगी में किसे फुर्सत है कि किसी कंपनी विशेष के प्रतिनिधि द्वारा ग्राहक को दी गई सूचना की सत्यता जानने हेतु वह उक्त कंपनी के कार्यालय के चक्कर लगाए। इस समस्या का समाधान आईटी विशेषज्ञ ही तो करता है। आईटी प्रोफैशनल कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सोल्यूशन्स, एजेंसी डिस्ट्रिब्यूशन, मैनेजमेंट सोल्यूशन इत्यादि उपलब्ध कराता है जो बेहतर ग्राहक सेवा, एजेंसी एडमिनिस्ट्रेशन, कमीशन प्रोसेसिंग, परफारमेंस मॉनिटरिंग तथा रिपोर्टिंग में सहायक होता है। वर्तमान युग में आईटी के बिना बीमा व्यापार के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता । अत: आईटी प्रोफेशनल्स हेतु बीमा क्षेत्र में भी रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं।
एजेंट
ग्राहक के पास बीमा उत्पादों को लेकर एजेंट ही पहुंचता है। वर्तमान खुली अर्थव्यवस्था में इसे 'इंश्योरेंस एडवाइजर' भी कहा जाने लगा है। यह एजेंट बनने हेतु 100 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त करके लाइसेंस लेना अब भारतीय बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडी) ने अनिवार्य कर दिया है।
पाठकों की जानकारी के लिए दूरस्थ एवं पार्ट टाइम (अंशकालिक) बीमा शिक्षण एवं प्रशिक्षण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के पते हम यहां उपलब्ध करा रहे हैं :
* एक्चुरियल सोसायटी ऑफ इंडिया, जीवन उद्योग, डा. डीएन. रोड, फोर्ट, मुंबई-400001.
* इंश्योरेंस इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, यूनिवर्सल इंश्योरेंस बिल्डिंग, छठा तल सर, पीएम रोड, मुंबई- 400001.
* एनएनआईटी जीटी रोड, इंदिरा प्रियदॢशनी पार्क के सामने, निकट हिडन रिवर ब्रिज, मोहन नगर, गाजियाबाद (उ.प्र.)
* द इंस्टीच्यूट ऑफ सर्टिफाइड रिस्क एंड इंश्योरेंस मैनेजर्स, 52, नागार्जुन हिल्स, पंजा गट्टा, हैदराबाद -500082.(दैनिक ट्रिब्यून,18.5.11)

दाखिले की अंतिम तारीखें नोट करें

Posted: 18 May 2011 06:20 AM PDT

पाठ्यक्रम : बीएलएड, बीएड, एमएड
संस्थान : सेंट्रल इंस्टिच्यूट ऑफ एजुकेशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
अवधिअ : क्रमश: चार साल, एक साल और एक साल
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : क्रमश: 10+2, ग्रेजुएशन और बीएड
दाखिले : दिनांक 25 जून को होने वाले एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर
प्रोस्पेक्टस : संस्थान की वेबसाइट http//cie.du.ac.in से प्राप्त कर सकते हैं.
अंतिम तिथि : 30 मई

पाठ्यक्रम : एमएससी (बायोमेडिकल साइंस), एमएससी पीएचडी (बायोमेडिकल साइंस), पीएचडी (बायोमेडिकल साइंस)
संस्थान : यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली
दाखिले : 2 जुलाई को आयोजित होने वाली चयन परीक्षा के आधार पर
विशेष : अधिक जानकारी एवं प्रोस्पेक्टस के लिए संस्थान की वेबसाइट www.acbrdu.edu देख सकते हैं
अंतिम तिथि : 10 जून

पाठ्यक्रम : एमबीए, एमबीए (ई-कॉमर्स), एमबीए (बिजनेस फोरकास्टिंग), एमसीए, एमटेक, बीफार्मा आदि
संस्थान : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
दाखिले : दिनांक 16 जून को आयोजित की जाने वाली चयन परीक्षा के आधार पर
प्रोस्पेक्टस : ऑनलाइन आवेदन संस्थान की वेबसाइट www.mponline.gov.in पर कर सकते हैं
अंतिम तिथि : 9 जून

पाठ्यक्रम : एलएलएम, एलएलएम (ईवनिंग), पीजी डिप्लोमा (अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेस्योल्युशन, कॉर्पोरेट लॉ एंड मेनेजमेंट, साइबर लॉ, एंविरंमेंट लॉ, ह्यूमन राइट्सला, इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स लेबर ला, टैक्स लॉ आदि)
संस्थान : द इन्डियन ला इंस्टिट्यूट, भगवानदास रोड नयी दिल्ली-110001
अवधि : क्रमश: दो वर्ष और तीन वर्ष (एलएलएम और ईवनिंग एलएलएम के लिए )
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : क्रमश: एलएलबी (कम से कम 50′ अंकों सहित) तथा पीजी कोर्सेस के लिए ग्रेजुएट होना आवश्यक
दाखिले : दिनांक 25 जून को आयोजित की जाने वाली चयन परीक्षा के आधार पर
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.ili.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं
अंतिम तिथि : 15 जून (एलएलएम) तथा 1 जुलाई (पीजी डिप्लोमा हेतु)

पाठ्यक्रम : बीएससी (नर्सिंग), बीएससी (रेडियोलॉजी), बीएससी (एनीस्थीसिया टेक्नॉलोजी)
संस्थान : नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ एंड न्यूरो साइंसेस, बेगलुरु

अवधि : चार वर्ष और तीन- तीन वर्ष
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता : बायोलोजी तथा अन्य विज्ञान विषयों सहित 10+2 पास होना ज़रूरी
आवेदन : संस्थान की वेबसाइट www.nimhans.kar.nic.in से प्राप्त कर सकते हैं
दाखिले : 10+2 के अंकों के आधार पर
अंतिम तिथि : 20 जून
(अशोक सिंह,दैनिक ट्रिब्यून,18.5.11)

झारखंडःइंटरव्यू बोर्ड के सदस्य ने खोली धांधली की पोल

Posted: 18 May 2011 06:00 AM PDT

प्रथम जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में 200 में से 80 अंक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद व अन्य सदस्यों ने अपने पास रिजर्व रखे थे। इंटरव्यू में शामिल विशेषज्ञों को 120 अंक देने का ही अधिकार दिया गया था। यहां तक कि कुछ अभ्यर्थियों को सदस्य या विधायक का रिश्तेदार होने का हवाला देते हुए आयोग द्वारा विशेषज्ञों से अधिक अंक देने का दबाव डाला जाता था। इंटरव्यू में शामिल विशेषज्ञ प्रह्लाद रजक (सेवानिवृत्त उप विकास आयुक्त) ने तत्कालीन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा व निगरानी महानिदेशक नेयाज अहमद को पत्र भेज कर यह खुलासा किया था। निगरानी रिपोर्ट में इस पत्र को भी शामिल किया गया है। प्रह्लाद रजक के पत्र में कहा गया है कि 18 मार्च 2006 को इंटरव्यू शुरू होने के पूर्व आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष व सभी सदस्यों ने इंटरव्यू में शामिल सदस्यों के साथ अध्यक्ष के कक्ष में ही परिचय एवं आयोग की भावनाओं से अवगत कराने हेतु बैठक की। परिचय होने के बाद तत्कालीन अध्यक्ष ने कहा कि अभी झारखंड विधानसभा का सत्र चल रहा है, इसलिए इंटरव्यू में सभी वर्ग, समुदाय एवं जाति का प्रतिनिधित्व हो, ताकि सदन में होहल्ला-हंगामा की नौबत नहीं आए। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने यह कह कर प्रतिकार किया कि चयन मात्र मेरिट के आधार पर होना चाहिए, इसमें जाति, समुदाय एवं वर्गो के दृष्टिकोण से कोई भी निर्णय लेने का प्रश्न ही खड़ा नहीं होता है। कहा गया है कि आयोग की यह भावना थी कि इंटरव्यू में कुछ ऐसा किया जा सके ताकि आयोग के लोगों के मनपसंद लोगों को ही सफल किया जा सके। अध्यक्ष एवं सदस्यों ने ही दबाव डाला था कि 200 नंबर में से 120 नंबरों पर ही मार्किंग की जाए। शेष अंक आयोग के अध्यक्ष व सदस्य देंगे। गोपाल प्रसाद सिंह के बोर्ड में शामिल रजक ने यह भी आरोप लगाया कि दो मौके पर सिंह ने कुछ अधिक नंबर देने का दबाव कहते हुए दबाव डाला गया(दैनिक जागरण,रांची,18.5.11)।

पंजाब विवि के दर्जे को लेकर दायर होगी पुनरीक्षण याचिका

Posted: 18 May 2011 05:40 AM PDT

केंद्र पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की मार्च माह की इस व्यवस्था के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करने पर विचार कर रहा है कि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ न तो केंद्रीय विश्वविद्यालय है और न ही केंद्र द्वारा वित्त पोषित।
शीर्ष सरकारी सूत्र ने आज इस संवाददाता को बताया कि हाईकोर्ट की व्यवस्था एक पुराने हल्फिया बयान पर आधारित थी जिसमें सरकार ने माना था कि पंजाब विश्वविद्यालय न तो केंद्रीय विश्वविद्यालय है और न ही इसे केंद्र से धन दिया जाता है। पंजाब विश्वविद्यालय का दर्जा बदलने के लिए सरकार को पुरानी स्थिति का अवलोकन करना होगा, इसीलिए पुनरीक्षण याचिका दायर करने पर विचार किया गया है। अटार्नी जनरल ने सरकार को सलाह दी थी कि हाईकोर्ट में उक्त मामले में पुनरीक्षण याचिका डाली जाये। इसके बाद ही उक्त याचिका दायर करने पर विचार किया गया।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट इससे पहले कई याचिकाएं निरस्त कर चुका है जिनमें पंजाब विश्वविद्यालय के शिक्षकों की अवकाशप्राप्ति आयु 60 साल से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का मामला भी था। केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल ही है(अदिति टंडन,दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,18.5.11)।

छत्तीसगढ़ः20 तक जारी होंगे दसवीं के नतीजे

Posted: 18 May 2011 05:20 AM PDT

दसवीं के नतीजे 20 मई तक घोषित किए जाने की उम्मीद है। माध्यमिक शिक्षा मंडल अंकसूची तैयार करने में जुटा है, ताकि परीक्षार्थियों को नतीजे के साथ यह भी दी जा सके। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं के नतीजे 6 मई को घोषित कर दिया है।

अब 10वीं के परीक्षार्थियों को रिजल्ट का इंतजार है। माशिमं सूत्रों के मुताबिक हाईस्कूल के नतीजे 20 मई तक घोषित किए जाएंगे। परिणाम जारी करने में हो रही देरी के पीछे अंकसूची को कारण बताया जा रहा है।


माशिमं के संभागीय अधिकारी बीके चौधरी ने बताया कि हायर सेकेंडरी की तरह हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को भी नतीजे के साथ अंकसूची दी जाएगी। बोर्ड अंकसूची तैयार करने में जुटा है। 

माशिमं इस साल अंकसूची तो जल्दी दे रहा है, लेकिन नतीजे घोषित करने के मामले में पिछड़ गया। पिछले वर्ष 30 अप्रैल को हायर सेकेंडरी और मई के पहले पखवाड़े में हाईस्कूल के नतीजे घोषित किए गए थे(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,18.5.11)।

डीयू : 12वीं में 70 पर्सेंट हैं तभी कर सकते हैं बीए जर्नलिज्म

Posted: 18 May 2011 04:40 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में पांच कॉलेज में चलाए जाने वाले बीए जर्नलिज्म ऑनर्स करने के लिए बारहवीं में 70 फीसद अंक होना जरूरी है। इतना ही नहीं अब इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए 12वीं में अंग्रेजी विषय में 60 फीसद अंक होना जरूरी है। अभी तक इस कोर्स में कट ऑफ के आधार पर प्रत्येक कॉलेज अपने ही स्तर पर दाखिले करता था। यह कोर्स शैक्षणिक सत्र- 2011-12 से दाखिले कम्बाइंड जर्नलिज्म एंट्रेंस टेस्ट (सी-जेट) के जरिए ही होंगे। इस संयुक्त परीक्षा का आयोजन महाराजा अग्रसेन कॉलेज द्वारा किया जाएगा। इस कोर्स में आवेदन प्रक्रिया 20 मई से शुरू होगी। प्रवेश परीक्षा देने के लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रवेश परीक्षा देने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 जून है। प्रवेश परीक्षा 19 जून को सुबह 9.30 से 12 बजे आयोजित होगी। डीयू के पांच कॉलेजों में बीए ऑनर्स जर्नलिज्म कोर्स कराया जाता है। इन कॉलेजों में महाराजा अग्रसेन कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, कालिंदी कॉलेज, कमला नेहरु कॉलेज, और लेडी श्रीराम कॉलेज शामिल हैं। इन कॉलेजों में बीते साल तक कट ऑफ के आधार पर बिना किसी प्रवेश परीक्षा के दाखिले होते थे लेकिन इस साल से इस कोर्स में दाखिला लेना आसान नहीं होगा। कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा देने के लिए 12वीं में 70 फीसद अंक होने चाहिए, जबकि अंग्रेजी विषय में 60 फीसद अंक होना अनिवार्य है। इस कोर्स में दाखिले के लिए एससी-एसटी और विकलांग वर्ग के लिए बारहवीं में 65 फीसद अंक अनिवार्य किया गया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,18.5.11)।

जामिया : एडमिशन में एससी एसटी आरक्षण खतरे में!

Posted: 18 May 2011 04:20 AM PDT

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों को आरक्षण नहीं मिल सकेगा। दरअसल, जामिया द्वारा नये आरक्षण नियम तय करने के बाद सामान्य वर्ग के लिए 42 फीसद कोटा रखा गया है। इसमें एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए किसी तरह का प्रावधान नही किया है। जबकि बाकी 50 फीसद कोटा मुस्लिम, 3 फीसद विकलांग और 5 फीसद आरक्षण जामिया स्कूल के विद्यार्थियों के लिए है। इस बाबत जामिया के रजिस्ट्रार एसएम साजिद ने कहा कि जामिया अब अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय बन चुका है, जिसके बाद जामिया में एससी-एसटी आरक्षण लागू करने की बाध्यता नहीं है। उधर, इस मामले में एससी-एसटी टीर्चस फोरम के संयोजक सरोज कुमार महानंदा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि जामिया की विद्वत परिषद की बैठक में एससी-एसटी विद्यार्थी, जो गैर मुस्लिम हैं, उनका आरक्षण खत्म कर दिया गया है। जबकि केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के चलते जामिया में 22.5 फीसद एससी- एसटी आरक्षण लागू होना चाहिए। जामिया में किये गये फेरबदल के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों को भी अब एससी-एसटी कोटे का लाभ नहीं मिल सकेगा(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,18.5.11)।

गैर अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान नहीं चुन सकते अपनी पस




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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