Saturday, May 21, 2011

Fwd: सुनिए गदर कोः भारत अपनी महान भूमि



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2011/5/21
Subject: सुनिए गदर कोः भारत अपनी महान भूमि
To: deewan@sarai.net


पिछली पोस्टों में क्रांतिकारी गायक गदर के जेएनयू में हुए कार्यक्रम का जिक्र भर हुआ था. अलग तेलंगाना राज्य की मांग के समर्थन में बनी छात्रों की कमेटी (स्टूडेंट्स सोलिडेरिटी कमेटी फॉर सेपरेट स्टेट ऑफ तेलंगाना) द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में गदर ने आमतौर पर भारत और खासतौर पर तेलंगाना की मेहनतकश जनता के अंतहीन शोषण, दमन और उत्पीड़न के लिए स्थापित फौजी और संरचनात्मक हिंसा की राजकीय संस्थाओं के बारे में बताया. उन्होंने इस हिंसक भारतीय राज्य की संरचना के खिलाफ संघर्ष कर रही जनता की कहानी भी कही. औपनिवेशिक शासन काल से लेकर मौजूदा अर्ध औपनिवेशिक -अर्ध सामंती राज्य के चरित्र को गदर ने अपने गीतों के जरिए पेश किया.

इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग टुकड़ों-टुकड़ों में पेश की जाएगी. सबसे इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग का एक हिस्सा, जिसमें गदर ने नागार्जुन सागर बांध के जरिए तेलंगाना के मजदूरों और किसानों के साथ भेदभाव और उनकी बरबादी की कहानी कही है. तेज हवा और खराब माइक के कारण रिकॉर्डिंग की क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है, और इसे कंप्यूटर पर संपादित करने के बाद थोड़ा सुनने लायक बनाया जा सका है.

सुनिएः भारत अपनी महान भूमि

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Nothing is stable, except instability
Nothing is immovable, except movement. [ Engels, 1853 ]



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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